नए उत्साह के साथ आज हम, स्वागत कर लें नव वर्ष का। नए उत्साह के साथ आज हम, स्वागत कर लें नव वर्ष का।
नींद तो आती नहीं, कोई लोरी सुना दो। नींद तो आती नहीं, कोई लोरी सुना दो।
याद बहुत आता है अक्सर मुझको मेरा गांव, हरे भरे वो खेत बगीचे और बरगद की छांव.। याद बहुत आता है अक्सर मुझको मेरा गांव, हरे भरे वो खेत बगीचे और बरगद की छांव.।
फिर भी तेरी याद अपने संग इस नए घर में ले आया। फिर भी तेरी याद अपने संग इस नए घर में ले आया।
बूढ़ा कहकर कोई हसीना कभी न दे उसको ताने। बूढ़ा कहकर कोई हसीना कभी न दे उसको ताने।
वो बचपन ही था पूरा खजाना अपना। वो बचपन ही था पूरा खजाना अपना।